राजस्थान के झुंझुनू जिले और हरियाणा के सीमावर्ती क्षेत्रों में परिवहन विभाग ने ओवरलोडिंग और अन्य नियमों का उल्लंघन करने वाले ट्रकों और डंपरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। विभाग ने उन्नत तकनीक का उपयोग कर 4,744 ट्रकों और डंपरों की पहचान की है, जो बार-बार ओवरलोडिंग कर सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचा रहे थे। अब, इन वाहनों पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा, जिससे सरकार को करोड़ों रुपये का राजस्व नुकसान बचाया जा सकेगा।
वाहन मालिकों में हड़कंप
इस कार्रवाई से वाहन मालिकों में चिंता और हड़कंप मच गया है, क्योंकि यह कदम उनके लिए आर्थिक रूप से कड़ा हो सकता है। ओवरलोडिंग, जो न केवल सड़क सुरक्षा के लिए खतरे की बात है, बल्कि पर्यावरणीय प्रभाव और सड़क की मरम्मत पर भी भारी दबाव डालता है, अब सख्त जुर्माना और नियंत्रण के कारण कम हो सकता है। इससे प्रदेश में यातायात व्यवस्था और सुरक्षा में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।
ई-रवन्ना के आधार पर कार्रवाई
ई-रवन्ना के आधार पर हुई इस कार्रवाई से परिवहन विभाग ने नियमों के उल्लंघन पर सख्ती बरतने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। ई-रवन्ना प्रणाली में दर्ज वजन के आधार पर विभाग ने ओवरलोडिंग करने वाले वाहनों की पहचान की है। विभाग ने इन वाहनों के मालिकों को नोटिस जारी कर चालान की राशि जमा करने का आदेश दिया है। यदि कोई वाहन मालिक निर्धारित समय सीमा में चालान का भुगतान नहीं करता, तो उसके वाहन का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जा सकता है।
एमनेस्टी स्कीम से छूट
जिला परिवहन अधिकारी मक्खनलाल जांगिड़ के अनुसार, सरकार ने ओवरलोड वाहनों पर लगे चालानों में छूट देने के लिए एमनेस्टी स्कीम पेश की है। इस योजना के तहत 95% तक का जुर्माना माफ किया जा रहा है। यह योजना सरकार द्वारा वाहन मालिकों को राहत देने के लिए लागू की गई है, ताकि वे कम जुर्माने में अपनी पुरानी देनदारियों का भुगतान कर सकें और सरकारी राजस्व में योगदान कर सकें।
हालांकि, इस स्कीम के बावजूद झुंझुनू जिले में करीब 5 करोड़ रुपये की वसूली अभी भी बाकी है, जो यह दिखाता है कि कई वाहन मालिकों ने इस छूट का लाभ नहीं उठाया है या उनके द्वारा अभी तक चालान की राशि का भुगतान नहीं किया गया है। यदि ये वाहन मालिक समय सीमा के भीतर अपना भुगतान नहीं करते, तो उन्हें सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
नोटिस जारी होने के बाद चिंता बढ़ी
नोटिस जारी होने के बाद झुंझुनू और आसपास के जिलों—सीकर, चूरू, अलवर, और हनुमानगढ़—के वाहन मालिकों में हड़कंप मच गया है। इस सख्त कार्रवाई से वाहन मालिकों में चिंता का माहौल बन गया है, क्योंकि उन्हें अपनी वाहनों की ओवरलोडिंग और अन्य नियमों के उल्लंघन के कारण भारी जुर्माने और अन्य कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
इसके अलावा, हरियाणा बॉर्डर से जुड़े जिलों में भी बड़ी संख्या में नोटिस जारी किए गए हैं, जो यह दर्शाता है कि यह कार्रवाई सीमावर्ती इलाकों में भी प्रभावी हो रही है। इसने इन क्षेत्रों के वाहन मालिकों को भी चिंता में डाल दिया है।
अंतिम मौका और सख्त कार्रवाई
परिवहन विभाग ने वाहन मालिकों को चालान की राशि जमा करने का आखिरी मौका दिया है। यदि किसी वाहन का चालान गलत कटने का दावा है, तो मालिकों को अपना पक्ष रखने का अवसर दिया गया है। हालांकि, यदि वाहन मालिक निर्धारित समय में चालान का भुगतान नहीं करते, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस कदम से सरकारी राजस्व की हानि को रोकने की उम्मीद है, और इसके साथ ही यह वाहन मालिकों को नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित कर सकता है।
भविष्य में राजस्व वसूली और सड़क सुरक्षा
इस सख्त कदम से राजस्व वसूली में वृद्धि की उम्मीद है, क्योंकि यह सरकार के राजस्व को बढ़ाने के साथ-साथ परिवहन नियमों का पालन भी सुनिश्चित करेगा। जिला परिवहन अधिकारी के अनुसार, ई-रवन्ना के माध्यम से मिले आंकड़ों के आधार पर कार्रवाई की जा रही है, जिससे यह स्पष्ट है कि डेटा आधारित प्रणाली को लागू कर पारदर्शिता और सटीकता को बढ़ाया जा रहा है।
इस कदम से ना केवल सरकारी राजस्व में वृद्धि होगी, बल्कि सड़क सुरक्षा और पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।