रेडी-ठेली हटाने के खिलाफ उग्र प्रदर्शन
झुंझुनू शहर के गांधी चौक में बीते दिनों नगर परिषद और ट्रैफिक पुलिस के संयुक्त अभियान के तहत रेडी-ठेली को हटा दिया गया था। इस कार्यवाही के बाद गांधी चौक का इलाका साफ-सुथरा नजर आया, लेकिन रेडी-ठेली वालों ने इस कदम का विरोध शुरू कर दिया।
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झुंझुनू शहर के गांधी चॉक पर विरोध प्रदर्शन |
प्रदर्शन और विरोध के मुख्य बिंदु
- रेडी-ठेली संचालकों ने अपनी जीविका पर संकट का आरोप लगाया।
- प्रशासन ने बिना कोई वैकल्पिक स्थान दिए अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की।
- रेडी यूनियन ने गांधी चौक पर धरना देकर नारेबाजी की।
- विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों में बहस हुई।
दो विरोधी घटनाओं ने बढ़ाई चर्चा
इसी बीच, गांधी चौक में एक संगठन द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा था, जिसकी तैयारियां चल रही थीं। कार्यक्रम के बैनर ट्रैफिक पुलिस कर्मियों द्वारा लगाए जा रहे थे, जिससे लोगों में चर्चा तेज हो गई। यह वही संगठन था जिसने प्रशासन को अतिक्रमण हटाने के लिए सम्मानित किया था।
जिला कलेक्टरेट पर भी हुआ प्रदर्शन
धरने के बाद रेडी यूनियन के सदस्य जिला कलेक्टरेट पहुंचे, लेकिन वहां अधिकारियों से मुलाकात नहीं होने के कारण उन्होंने गेट पर ही धरना देना शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की और अपनी मांगों को लेकर डटे रहे।
प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांगें:
- रेडी-ठेली संचालकों के लिए वैकल्पिक स्थान की व्यवस्था की जाए।
- प्रशासन एकतरफा कार्यवाही बंद करे।
- गरीबों के हितों को ध्यान में रखकर उचित समाधान निकाला जाए।
पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच बहस
धरना स्थल पर पुलिस अधिकारियों और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी बहस भी देखने को मिली। रेडी-ठेली चालकों का कहना था कि वे पिछले पांच दिनों से रोजगार से वंचित हैं, जिससे उनके परिवारों के सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
झुंझुनू शहर में जिला प्रशासन और रेडी-ठेली संचालकों के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। प्रशासन के अतिक्रमण विरोधी अभियान के बाद गरीब तबके के लोगों के सामने संकट खड़ा हो गया है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले को कैसे सुलझाता है और क्या रेडी-ठेली संचालकों को राहत मिलती है या नहीं।