झुंझुनूं के वार्ड नंबर 53, नयाबास में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। रविवार सुबह 20 दिन की बच्ची की पानी की टंकी में डूबकर हत्या कर दी गई। घटना के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सोमवार को बच्ची की मां, निशा सैनी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की पूछताछ में निशा ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है।
![]() |
झुंझुनूं के वार्ड नंबर 53 में 20 दिन की बच्ची की पानी की टंकी में डूबकर हत्या |
घटना के वक्त घर में सिर्फ मां और बड़ी बेटी थीं
घटना के वक्त घर में केवल निशा और उसकी करीब ढाई साल की बड़ी बेटी मौजूद थीं। निशा की छोटी बेटी के जन्म के बाद परिवार में खुशी का माहौल था। 3 मार्च को बच्ची के जन्म पर जलवा पूजन और अन्य रस्में पूरी की गई थीं। निशा ने लाल और हरे रंग का चूड़ा पहना था, और हाथों में मेहंदी रची थी। यह वही मेहंदी थी, जिसके रंग के फीके पड़ने से पहले उसी हाथ ने अपनी मासूम बेटी की जान ले ली।बच्ची के अपराध का गहरा अहसास
पुलिस स्टेशन कोतवाली में लाए जाने पर निशा ने किसी से आंखें नहीं मिलाईं। वह बार-बार सिर झुकाए, कभी खड़ी तो कभी बैठी रही। निशा की दूसरी ढाई साल की बेटी को अब तक यह अहसास नहीं हो पाया है कि उसकी छोटी बहन अब इस दुनिया में नहीं रही, और उसकी मां सलाखों के पीछे जा चुकी है। घटना के बाद जब मां को पुलिस ले जाने लगी, तो बड़ी बेटी ने अपनी मां से चेन जैसी माला उतारी, जिसके बाद वह फफक पड़ी। उसके चेहरे पर अपराध बोध साफ दिखाई दे रहा था।आपराधिक कृत्य की तह में परिवार के सदस्य
परिवार के अन्य सदस्य घटना के समय घर पर मौजूद नहीं थे, क्योंकि वे खेतों में काम करने गए हुए थे। घर का गेट भी बंद था, और दीवार इतनी ऊंची थी कि कोई आसानी से उसे फांद नहीं सकता था। इन कारणों से पुलिस ने शक होने पर निशा से पूछताछ की, और उसने अपने अपराध को स्वीकार कर लिया। अभी तक निशा के अलावा परिवार के किसी अन्य सदस्य की भूमिका सामने नहीं आई है। पुलिस की पूछताछ जारी है।समाज में बढ़ते अपराधों की वजह
इस घटना पर टिप्पणी करते हुए कोतवाली के थानाधिकारी, नारायण सिंह कविया ने कहा कि समाज में बढ़ते अपराधों के पीछे कई कारण हो सकते हैं। सोशल मीडिया के प्रभाव से आजकल महिलाओं में सहन शक्ति की कमी बढ़ रही है। कई महिलाएं अपने व्यक्तिगत विकास को बच्चों के कारण रुकता हुआ महसूस करती हैं। इसके अलावा, परिवार का माहौल भी अपराधों को बढ़ावा दे सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार द्वारा बेटियों को मुफ्त शिक्षा और विभिन्न योजनाएं दी जा रही हैं, लेकिन इन योजनाओं की जानकारी सही से उन तक पहुंचनी चाहिए जो सबसे दूर हैं।सरकार को चाहिए गंभीर कदम
नारायण सिंह ने सुझाव दिया कि सरकार को अब और गंभीर कदम उठाने चाहिए, खासकर महिलाओं के लिए प्रोफेशनल डिग्रियां और स्वावलंबन की दिशा में। गरीबी भी एक बड़ा कारण हो सकती है, जो ऐसे अपराधों को जन्म देती है।यह घटना झुंझुनूं के समाज में एक गंभीर सवाल उठाती है कि आखिरकार इस तरह के अपराधों को कैसे रोका जा सकता है और समाज में मानसिक तनाव और अपराध की प्रवृत्तियों को कैसे कम किया जा सकता है।
(यह खबर घटनास्थल से मिली जानकारी के आधार पर है और पुलिस की ओर से और जांच जारी है।)