नहाने का वैज्ञानिक महत्व!
तो आज इसी के बारे में जानेंगे. दोस्तों एक डर्मेटाइटिस डॉक्टर रनाला हर्ष ने एक लेख में कहा है कि हम बहुत अमीर हैं और इस बात को रिवार्ड जरूरी है और कई लोगों को इससे राहत का एहसास होता है। कई लोगों के लिए नहाना सिर्फ एक सुसाइडल नमोर्म है।
क्या नहाने से हमारी स्किन को नुकसान होता है?
आपकी स्किन की सबसे ऊपर वाली परत जिसको स्ट्रैटम को नियमियम के नाम से जाना जाता है उस पर कई सारे माइक्रोब्स, फंगीज और बैक्टीरिया रहते हैं जो मदद करते हैं आपके स्किन सेल्स को रिपेयर करने में और जो बेड बैक्टीरिया और वायरस आपकी स्किन के लिए हानिकारक होते हैं उनसे लड़ने में और उनको खत्म करने में.
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नहाने का वैज्ञानिक महत्व |
क्या साबुन आपकी स्किन को नुकसान पहुंचा रहा है?
जब आप ज्यादा देर तक यह कई बार दिन में नहाने लगते हैं तो आपकी स्किन पर से बैड बैक्टीरिया के साथ गुड बैक्टीरिया भी धूल जाते हैं और इससे स्किन इन्फेक्शन के चांसेस बढ़ाने लगते हैं और इसी के साथ कुछ लोग बहुत ज्यादा ही साबुन का इस्तेमाल करते हैं तो उनकी स्किन की लेयर पर से गुड बैक्टीरिया तो धल ही जाते हैं साथ ही साथ उनकी स्किन ड्राइनेस की वजह से खराब भी हो जाती है क्योंकि ज्यादा साबुन स्किन के ऑils को सिख लेता है। इससे आपकी स्किन बहुत ज्यादा ड्राई हो जाती है.
क्या रोज नहाना सच में जरूरी है?
हमें बचपन से ही बताया जाता है कि रोज नहाना चाहिए क्योंकि इससे हम साफ रहेंगे, स्वस्थ रहेंगे और अच्छे भी दिखेंगे तो आपके साथ कभी ऐसा हुआ होगा. जब ठंड में सुबह आपको बिल्कुल नहाने का मन ना कर रहा हो तो भी आपको जबरदस्ती नहलाया गया हो तो उस वक्त आपने शायद जरूर सोचा होगा.
क्या आपको रोज नहाना चाहिए?
अगर आपके डेली रूटीन में आपको बहुत ज्यादा पसीना आता है तो दिन में सिर्फ आप एक ही बार नाए और जितनी भी ठंड हो आप ज्यादा गर्म पानी से ना नाएं क्योंकि एक साइंटिफिक स्टडी बताती है की ज्यादा गर्म पानी से नहाने से स्क्रिन इंफेक्शन का खतरा बाढ़ जाता है. इसलिए आप गुनगुना पानी ही इस्तेमाल करें.
बचपन से ही हमें स्वच्छता, स्वास्थ्य और दिखावट के लिए रोज़ाना नहाने का महत्व सिखाया जाता है। हालाँकि, कई बार ऐसा होता है, खासकर ठंड के मौसम में, जब हमें नहाने का मन नहीं करता। त्वचा विशेषज्ञ डॉ. रानाला हर्ष इस बात पर प्रकाश डालती हैं कि जहाँ कई लोगों को नहाने से राहत मिलती है, वहीं दूसरों को यह एक अनिवार्य दिनचर्या की तरह लग सकता है। वैज्ञानिक रूप से, हमारी त्वचा की सबसे बाहरी परत, जिसे स्ट्रेटम कॉर्नियम के रूप में जाना जाता है, लाभकारी सूक्ष्म जीवों, कवक और बैक्टीरिया का घर है जो त्वचा कोशिकाओं की मरम्मत और हानिकारक रोगजनकों से लड़ने में मदद करते हैं। बार-बार या लंबे समय तक नहाने से ये अच्छे बैक्टीरिया धुल सकते हैं, जिससे त्वचा में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, बहुत अधिक साबुन का उपयोग करने से त्वचा के प्राकृतिक तेल निकल सकते हैं, जिससे त्वचा रूखी हो जाती है और हानिकारक बैक्टीरिया के लिए अनुकूल वातावरण बन जाता है। जिन लोगों को बहुत पसीना आता है, उन्हें दिन में एक बार नहाने की सलाह दी जाती है, गर्म पानी के बजाय गुनगुने पानी का उपयोग करें, क्योंकि गर्म पानी से भी संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। इसके विपरीत, अगर किसी को बहुत कम पसीना आता है, तो वे हर दूसरे दिन नहाने से बच सकते हैं, और ज़्यादा पसीने की ग्रंथियों वाले क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।